ज़िंदगी में कई बार हम कुछ सोचकर चलते हैं और कुछ और ही हो जाता है। क्रिकेट की दुनिया में भी ऐसे कई किस्से हैं, जहां खिलाड़ी कुछ अलग मकसद से मैदान पर उतरे लेकिन किस्मत ने उन्हें अलग ही ऊंचाई पर पहुँचा दिया।
ठीक वैसे ही जैसे —
"Crush को इम्प्रेस करने का प्लान था, पर गलती से क्लास में टॉपर बन गए!"
क्रिकेटर्स के करियर में भी अक्सर कुछ ऐसा ही होता है। बहुत से खिलाड़ी सिर्फ अपने दोस्तों के साथ टाइम पास करने के लिए गली क्रिकेट खेलते थे। पर धीरे-धीरे वही टाइम पास जुनून में बदल गया और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना नाम बना लिया।
उदाहरण के तौर पर:
महेंद्र सिंह धोनी शुरू में फुटबॉल गोलकीपर बनना चाहते थे। लेकिन जब स्कूल के कोच ने उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए कहा, तो उन्होंने बैट थामा — और आज पूरा भारत उन्हें 'कैप्टन कूल' के नाम से जानता है।
सोचिए, अगर धोनी सिर्फ फुटबॉल में ही लगे रहते, तो क्या हमें इतना बेहतरीन फिनिशर और लीडर मिलता?
इसी तरह कई युवा क्रिकेटर जैसे शुभमन गिल, पृथ्वी शॉ, यशस्वी जायसवाल — जिनकी शुरुआत बस एक छोटी सी उम्मीद से हुई थी — आज बड़े-बड़े मंचों पर चमक रहे हैं।
कई बार तो खिलाड़ी किसी एक मैच में बस अच्छा प्रदर्शन करके "सेलेक्टर्स" की नजरों में आ जाते हैं। वे सोचते हैं बस एक अर्धशतक बन जाए, और फिर गलती से शतक ठोक देते हैं!
यानी कोशिश थी बस 'क्रश' को इम्प्रेस करने की, पर बन गए 'क्लास के टॉपर' यानी टीम के स्टार!
IPL में भी ऐसे कई उदाहरण मिलते हैं।
कोई अनजान खिलाड़ी, जिसे लोग नाम से भी नहीं जानते, एक मैच में बाउंड्री पर शानदार फील्डिंग कर लेता है या फिर दो ओवर में तीन विकेट निकाल देता है — और रातों-रात वह सोशल मीडिया पर छा जाता है।
कल तक जो सिर्फ अपने दोस्तों में हीरो था, आज पूरे देश का फेवरेट बन जाता है।
सीख क्या है?
चाहे आप किसी को इम्प्रेस करने के लिए खेल रहे हों या खुद के लिए — मेहनत और ईमानदारी कभी बेकार नहीं जाती। हो सकता है आप छोटे इरादे से निकले हों, लेकिन आपका जुनून और मेहनत आपको ऊँचाइयों तक पहुँचा दे।
ठीक वैसे ही जैसे गलती से क्लास में टॉपर बनना, गलती से क्रिकेट का सुपरस्टार बनना भी मुमकिन है!
इसलिए मैदान पर जब भी उतरो, पूरे दिल से खेलो। किस्मत कब मुस्कु
रा दे, कोई नहीं जानता।
Author-sam
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